IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने ईरान में युद्ध विराम की अपील की

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

राफेल ग्रॉसी ने ईरान में युद्ध विराम की मांग की है, जिससे आईएईए की टीमें सुरक्षित रूप से परमाणु ठिकानों का निरीक्षण कर सकें। कहा, “ज़मीन की हक़ीक़त सामने लाने में IAEA की जांच ही कारगर है।”

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ग्रॉसी ने स्पष्ट किया कि “IAEA टीमों की पहुंच के लिए शांति अनिवार्य है”। बिना युद्ध के हालात सुधरे, वे ईरान की सच्ची स्थिति का मूल्यांकन नहीं कर सकते।

परमाणु ठिकानों की भूमिका—जांच क्यों ज़रूरी?

ईरानी तीन परमाणु साइटों पर अमेरिका ने हाल ही में सहमी कार्रवाई की थी, जिसके बाद सुरक्षा और परिस्थितिगत सत्यापनी की संभावना संतुलित हो गई है। ग्रॉसी का कहना है कि सबूत और धरातल की बिलकुल सटीक जानकारी एक भरोसेमंद समझौते की नींव है।

ट्रंप की चेतावनी—“शांति बनाओ या ‘महाकटास्ट्रॉफी’ देखो!”

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी—या तो शांति होगी, या फिर आप एक ऐसी त्रासदी झेलेंगे जो पिछले आठ दिनों की घटनाओं से कहीं अधिक भयानक होगी।

इस बयान के बाद ग्रॉसी की अपील और स्पष्ट हो गई है कि समझौता ही विकल्प है, वरना बढ़ेगा अंतरराष्ट्रीय संकट।

युद्ध विराम की दिशा में क्या कदम होंगे?

ग्रॉसी ने वार्ता का रास्ता चुना है—शांति पर विश्वास जताया है। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें यह देखनें लगी हैं कि क्या ईरान और अमेरिका-नाटो ग्रुप इस अपील पर ध्यान देंगे?  टीमों को कुछ ठिकानों तक पहुंचने की स्थिति बनेगी—या फिर एक और संक्रामक विवाद?

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